सबद-93


सबद-93

ओ३म् आद सबद अनाहद बांणी । चवदै भवण रह्या छल पाणी ।। जिहिं पाणी से इंड ऊपना । उपना ब्रह्मा इन्द्र मुरारी ।।९३।।