सबद-49


सबद-49

ओ३म् अवधू अजरा जार ले । अमरा राख ले । राख ले विन्द की धारणा ।। पताल का पाणी आकाश कूं चढ़ायले । भेंटले गुरु का दरशणा  ।।४९।।